श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द
बोल्दा वा लेख्दा
उस्तै रूप भएका जस्ता लाग्ने तर अर्थमा भिन्नता पाइने शब्दलाई श्रुतिसमभिन्नार्थक
शब्द भनिन्छ । उच्चारणमा उस्तै उस्तै सुनिए तापनि भिन्न अर्थ हुने भएकाले यस्ता
शब्दलाई श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द भनिन्छ ।
क्र.सं. |
शब्द |
पहिलो शब्दको अर्थ |
दोस्रो शब्दको अर्थ |
१ |
अपेक्षा-उपेक्षा |
अभिलाषा/चाहना/आशा |
घृणा/निन्दा/अनादर |
२ |
अवधि-अवधी |
सीमा/म्याद |
तराई क्षेत्रमा बोलिने भाषा |
३ |
आँट-आँत |
साहस/हिम्मत |
मनको भाव/शरीरको भित्रीभाग/आन्द्रो |
४ |
आँसु-आशु |
आँखाबाट आउने पानी/अश्रु |
छिटो/चाँडो |
५ |
आदि-आँधी |
सुरु |
वेगसित हावापानी |
६ |
आवास-आभास |
बस्ने ठाउँ/गृह |
महसुस |
७ |
आशा-आसा |
चाहना, अभिलाषा |
ढाल, कवच आदिको बिचमा जोडिएको फुली वा किलो |
८ |
ओट-ओठ |
पक्ष लिनु /गाडी नगुडोस् भनेर पाङ्ग्रमुनि
राखिने काठ वा ढुङ्गो |
मुख ढाक्ने अङ्ग |
९ |
काठ-काट |
रुखको बोक्राभित्रको कडा वस्तु |
काट्ने काम |
१० |
कीर्ति-कृति |
प्रसिद्धि, ख्याती, जस |
ग्रन्थ, ठुलो काम |
११ |
कूल-कुल |
नदीको तट/किनार |
जम्मा/वंश |
१२ |
कोट-कोत |
कपडा/किल्ला |
सरकारी हातहतियार राखिने ठाउँ/ मौलो पूजा गर्ने
ठाउँ/बली दिइने ठाउँ |
१३ |
कोश-कोस |
शब्दकोश,भण्डार |
चार हजार गजको लम्बाइ |
१४ |
क्षत्रिय-क्षेत्रीय |
हिन्दूहरूका चार जातमध्ये
एक जात |
क्षेत्रसम्बन्धी |
१५ |
खाग-खाक |
गैँडाको नाकमाथिको अङ्ग |
खरानी |
१६ |
खात-खाट |
चाङ, थुप्रो |
सुत्नका लागि बनाइएको चार खुट्टे वस्तु |
१७ |
खालि-खाली |
केवल, मात्र |
रित्तो |
१८ |
गधा-गदा |
घोडा जातिको सामान बोक्ने जनावर |
टुप्पामा धातु वा काठको ठुलो गाँठो भएको हतियार |
१९ |
गर्व-गर्भ |
गौरव, अभिमान |
पेटभित्र बच्चा रहने ठाउँ |
२० |
घट-घत |
गाग्रो, घडा |
मनमा पर्ने असर प्रभाव/ |
२१ |
घरी-घडी |
केराका काइँयोहरूको झुप्पो |
समय जनाउने यन्त्र/चौबिस मिनेटको समय |
२२ |
घाट-घात |
नदीको किनार, नदीको पानीसम्म पुग्न सकिने ठाउँ |
धक्का, चोट |
२३ |
चिन-चीन |
चिन्ने काम |
नेपालको उत्तरतिर रहेको देश |
२४ |
चिर-चीर |
लामो समयसम्म रहने |
कपडा, वस्त्र |
२५ |
जाति-जाती |
जात |
असल, राम्रो/चमेली जातको फूल/जाइफल, |
२६ |
जुन-जून |
जोबाट बन्ने सर्वनाम |
चन्द्रमा |
२७ |
टाप-ताप |
घोडाको खुर |
पोल्ने शक्ति/चिन्ता,पिर |
२८ |
टार-तार |
बेसीभन्दा केही माथि रहेको सम्म थलो |
धातुको मसिनो डोरो/खबर |
२९ |
डर-दर |
भय,त्रास |
तिजको अघिल्लो दिन खाने खाना/मूल्य |
३० |
डाम-दाम |
पोलेर वा डामेर बस्ने खत, डोब |
रुपियाँ, पैँसा, मूल्य |
३१ |
तातो-टाटो |
आगो, घाम आदिको राप,गर्मी/जाँगर, |
शरीरका घाउ खटिरा सन्चो भएपछि बस्ने दाग |
३२ |
तिन-तीन |
तीबाट बनेको सर्वनाम |
अङ्क |
३३ |
तिर-तीर |
तर्फ/पट्टि |
बाण/खोलाको किनार |
३४ |
तेस्रो-तेर्सो |
गणना गर्दा आउने ३ को क्रम |
सम्म परेको बाटो |
३५ |
थाम-ठाम |
खम्बा/प्रतिबन्ध(रोकथाम) |
ठाउँ |
३६ |
दण्ड-द्वन्द्व |
सजाय,जरिवाना/लट्ठी |
झगडा, सङ्घर्ष |
३७ |
दिन-दीन |
दिउँसो, सात वारमध्येको एक वार |
दुःखी,गरिब |
३८ |
दिल-डिल |
मन, हृदय |
आली, किनार |
३९ |
दिशा-दिसा |
उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिमलाई जनाउने |
गुदद्वारबाट निस्कने मल, विष्ठा |
४० |
दीप-द्विप |
बत्ती, दियो, दीपक |
हात्ती,गज |
४१ |
देखी-देखि |
देख्ने काम |
अपादान कारकमा लाग्ने विभक्ति |
४२ |
देश-द्वेष |
राष्ट्र, मुलुक |
दुस्मनी, शत्रुता |
४३ |
द्वैत-द्वैध |
जोडा, दुइटा हुनको भाव |
परस्पर विरोधी हुनुको भाव/अन्तर, शङ्का, |
४४ |
धाक-ढाक |
रबाफ, आडम्बर |
ढाक्ने काम/अधोरेखाङ्कन |
४५ |
नसा-नशा |
शरीरका नसा |
मादक पदार्थ, अम्मल,
लत |
४६ |
नाउ-नाउँ |
डुङ्गा |
नाम |
४७ |
निर्वाण-निर्माण |
मोक्ष, मुक्ति, |
घर, भवन, बाटो आदि बनाउने काम |
४८ |
पट्टि-पट्टी |
तिर, तर्फ |
घाउखटिरामा औषधी लगाई बाँधिने कपडा |
४९ |
पद-पथ |
दर्जा, खुट्टा |
मार्ग, बाटो |
५० |
परिणाम-परिमाण |
फल, नतिजा |
मात्रा, नापो |
५१ |
पाइन्-पाइन |
पाउने काम (क्रियापद) |
शक्ति/ हतियारमा आगोले तताएर हालिने पानी |
५२ |
पाटो-पातो |
बारीको सतह/चेप्टो आकार |
धातुको पातलो पत्र, पाता |
५३ |
पात-पाठ |
बोटबिरुवामा हुने अङ्ग |
पाठ्यपुस्तकको परिच्छेद/ पढ्ने काम |
५४ |
पालि-पाली |
पटक/भाषा |
घरको माथिल्लो मुख्य छानाभन्दा तलको छानो |
५५ |
पीठ-पिट |
तीर्थस्थल/डाढ/पिर्का |
सन्दुक/पिट्ने काम |
५६ |
पीडा-पिडा |
व्यथा, कष्ट, दुःखको अनुभव |
अर्नाको बच्चा |
५७ |
पूरा-पुरा |
पूर्ण, सम्पूर्ण |
जुठो खाना, खाएर उब्रेको खाना |
५८ |
पौवा-पौबा |
खाटको खुट्टा/बटुवाका लागि बनाइएको पाटी |
थाङ्का |
५९ |
प्रदान-प्रधान |
दिनु |
मुख्य |
६० |
फुल-फूल |
अण्डा |
पुष्प, सुमन |
६१ |
फेरि-फेरी |
अर्को पटक |
वरिपरि घुम्ने काम/ फेर्ने काम |
६२ |
बन्चरो-बनचरो |
दाउरा काट्ने साधन |
वनको चरो |
६३ |
बन्द-बन्ध |
रोकिएको, थुनिएको |
बाँध्ने काम, बन्धन |
६४ |
बन्दा - बन्डा |
बन्दागोभी/ कागत गाँसिएको ठाउँ |
अंश, भाग |
६५ |
बाँस-वास |
बिचमा आँख्ला भएको वनस्पती |
बसोबासका लागि बनाइएको घर, बसोवास गर्ने काम |
६६ |
बाघ-बाग |
जङ्गली हिंस्रक जनावन |
बगैँचा, वाटिका |
६७ |
बाजी-बाजि |
दाउ/ हारजितको प्रतिज्ञाका लागि गरिने होड |
पटक |
६८ |
बाण-बान |
धनुषको टुप्पो/तीर |
कान्ति, चमक |
६९ |
बाधा-वादा |
छेकथुन, रोकावट |
कबुल, प्रतिज्ञा |
७० |
बार-बाह्र |
पर्खाल, पटक |
अङ्क |
७१ |
बिना-वीणा |
अभाव, रहित/कस्तुरीको बिना |
बाजा |
७२ |
बेस-वेश |
अरुको तुलनामा राम्रो |
मानिसको पहिरन, पोसाक, वेष |
७३ |
बोध-बोझ |
बुझ्ने काम |
भार, कार्यभार ,झन्झट |
७४ |
ब्रह्मा-बर्मा |
देवता, प्रधान पुरोहित |
देश |
७५ |
भए-भय |
क्रियापद |
डर, त्रास |
७६ |
भाँडा-भाडा |
दैनिक खानपिनमा प्रयोग हुने वस्तु |
अरुको वस्तु प्रयोग गरेवापत दिनुपर्ने रकम, बहाल |
७७ |
महिना-मैना |
वर्षको बाह्र भाग |
चरा |
७८ |
मुद्रा-मुर्दा |
पैसा/अनुहार/मुन्द्री |
लास, मृत शरीर |
७९ |
यस-यश |
यो बाट बनेको सर्वनाम |
इज्जत, ख्याति, प्रशंसा |
८० |
रङ-रङ्ग |
रातो कालो आदि जनाउने वर्ण |
मोजमज्जा, सौन्दर्य |
८१ |
लता-लटा |
लहरा |
कपाल |
८२ |
लेक-लेख |
पहाडको माथिल्लो भाग |
विचार प्रकट गरिएको रचना |
८३ |
वर-बर |
आशिष/दुलहा/नजिक |
वृक्ष |
८४ |
वश-बस |
काबु, हैकम |
भयो पुग्यो ठिक छ भन्न प्रयोग हुने शब्द / गाडी |
८५ |
वस्तु-बस्तु |
चिज, पदार्थ, मुख्य कुरो |
दुध, मासु वा मलका लागि पालिने घर पालुवा जनावर |
८६ |
विचार-बिचार |
धारणा, चिन्तन, सोच |
क्रियापुत्रीलाई आफन्तका तर्फबाट दिइने सिधा, घोत/सान्त्वना दिने काम |
८७ |
विष-बिस |
जहर, बिख |
अङ्क |
८८ |
विहार-बिहार |
घुमफिर गर्ने काम/भिक्षुहरू बस्न मठ |
भारतको एउटा स्थान |
८९ |
शठ-षट् |
मूर्ख, कपटी |
छ लाई जनाउने सङ्ख्या |
९० |
शर-सर |
वाण, तीर |
पोखरी, तलाउ |
९१ |
शाला-साला |
बस्ने वा काम गर्ने ठाउँ, कुटी, घर |
सालो नाता जनाउने/ वार्षिक |
९२ |
संवेदना-समवेदना |
मानिसको मनमा हुने अनुभूति/सचेत रूपमा हुने
ज्ञान |
दुःख पर्दा आफूलाई पनि त्यस्तै दुःखको अनुभव |
९३ |
सबल-शबल |
बलियो, बल भएको |
रङ्गीबिरङ्गी |
९४ |
सब-शव |
कुल, सम्पूर्ण |
मृत शरीर, लास |
९५ |
सव्य-सभ्य |
दाहिने/दाहिने काँधमा राखिएको जनै बाँया काँधमा
सार्ने काम |
शिष्ट, भद्र,
सभाका लागि योग्य |
९६ |
सित-शीत |
सँग |
ओस, राति रुख, पात आदिमा पर्ने
पानीका थोप्ला |
९७ |
सिता-सीता |
भातको सिता |
रामकी पत्नी |
९८ |
सुची-शुचि |
पिसाब |
चोखो, पवित्र |
९९ |
सुर-शूर |
देवता/कुनो/होस |
आँटिलो, साहसी |
१०० |
सूची-सूचि |
विवरण लेखिएको तालिका |
सियो |
१०१ |
स्त्री-इस्त्री(इस्तिरी) |
महिला |
कपडा सम्याउने साधन/आइरन |
१०२ |
हात-हाट |
बाहु/अधिकार/तास खेलको पटक |
निर्धारित दिन खुल्ने सानो बजार |
१०३ |
भोक-भोग |
खाने इच्छा/ |
सुख दुःखको अनुभव गर्ने काम |
धन्यवाद ।
सुझावका लागि : bhupendra.bc11@gmail.com
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